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PERFORMING ARTISTS
Mohit Chauhan
Mohit Chauhan
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Swanand Kirkire
Swanand Kirkire
Lyrics

Lyrics

मन लफ़ंगा बड़ा, अपने मन की करे हो, यूँ तो मेरा ही है, मुझसे भी ना डरे ओ, भीगे-भीगे ख़यालों में डूबा रहे मैं सँभल जा कहूँ, फिसलता रहे इश्क़ महँगा पड़े, फिर भी सौदा करे मन लफ़ंगा बड़ा, अपने मन की करे (लफ़ंगा) हो, जाने क्यूँ उदासी इसको प्यारी लगे चाहे क्यूँ नई सी कोई बीमारी लगे बेचैनी रातों की, नींदों में आँखें जगे लम्हा-हर-लम्हा क्यूँ बोझ सा भारी लगे हो, भँवरा सा बन के मचलता है बस तेरे पीछे-पीछे चलता है जुनूँ सा लहू में उबलता है लुच्चा बेबात ही उछलता है भीगे-भीगे ख़यालों में डूबा रहे मैं सँभल जा कहूँ, फिसलता रहे इश्क़ महँगा पड़े, फिर भी सौदा करे मन लफ़ंगा बड़ा, अपने मन की करे (लफ़ंगा) हो, अम्बर के पार ये जाने क्या तकता रहे बादल के गाँव में बाक़ी भटकता रहे तेरी ही ख़ुशबू में ये तो महकता रहे धीमी सी आँच में इश्क़ सा पकता रहे हो, तेरी ही बातों से पिघलता है चाय में चीनी जैसे घुलता है दीवाना ऐसा कहाँ मिलता है? प्यार में यारों सब चलता है भीगे-भीगे ख़यालों में डूबा रहे मैं सँभल जा कहूँ, फिसलता रहे इश्क़ महँगा पड़े, फिर भी सौदा करे मन लफ़ंगा बड़ा, अपने मन की करे (लफ़ंगा)
Writer(s): R Anandh, Swanand Kirkire Lyrics powered by www.musixmatch.com
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