Lyrics

हूँ ख़ुद ही से लापता Hmm-hmm, hmm-hmm हूँ ख़ुद ही से लापता चीखती मेरी ख़ामोशियाँ यहाँ बेख़्वाब से ख़्वाब हैं ख़्वाबों में मेरे खुरदुरे सन्नाटों में (सन्नाटों में, सन्नाटों में...) कहीं तो क़ैद मेरी आहटें हैं बेसाख़्ता इस दर्द से अब ले जा छुड़ा के (ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में (ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में (ले जा तू मुझे) कर के रिहा तू ले जा, अब ले जा तू ले जा मुझे, ले जा हो, अब दबी-दबी आवाज़ है खोए सभी अल्फ़ाज़ हैं नाराज़ क्यूँ साज़ है गानों से मेरे? चुभ रहीं हैं वो शिकायतें शिकायतें ना जाने क्यूँ अपनी चाहतें बेसाख़्ता इस दर्द से अब ले जा छुड़ा के (ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में (ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में (ले जा तू मुझे) कर के रिहा तू ले जा, अब ले जा तू ले जा मुझे, ले जा पल टूटा-टूटा है भीगा-भीगा है ख़्वाबों का निशाँ ओ, मन रूठा-रूठा है अब अकेला है यादों का जहाँ हो, अंजाने लोगों की दुनिया से ले जा (ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में (ले जा तू मुझे) हो, अपने जहाँ में (ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में (ले जा तू मुझे) ले जा, मेरी जाँ, ले जा (ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में (ले जा तू मुझे, ले जा तू मुझे) तू मुझे कर के रिहा तू ले जा कर के रिहा तू ले जा खुले आसमाँ में, अपने जहाँ में कर के रिहा तू ले जा, ले जा, ले जा
Writer(s): Sameer Anjaan, Sachin, Jigar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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