Lyrics

Drop तड़पाए मुझे तेरी सभी बातें एक बार, ऐ, दीवानी, झूठा ही सही प्यार तो कर मैं भूला नहीं हसीं मुलाक़ातें बेचैन करके मुझको, मुझसे यूँ ना फेर नज़र सर्दी की रातों में हम सोए रहे हैं चादर में हम दोनों तन्हा हों, ना कोई भी रहे इस घर में ज़रा-ज़रा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तन-बदन मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में अब तरी क़सम मुझको, सनम, दूर कहीं ना जा ये दूरी कहती है, "पास मेरे आजा रे" यूँ ही गरज-गरज काली घटा बरसे हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में तेरी खुली-खुली लटों को सुलझाऊँ मैं अपनी उँगलियों से, मैं तो हूँ इस ख़्वाहिश में रूठेगा ना मुझसे, मेरे साथिया, ये वादा कर तेरे बिना मुश्किल है जीना मेरा, मेरे दिलबर ज़रा-ज़रा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तन-बदन मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में ज़रा-ज़रा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तन-बदन मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
Writer(s): Sameer, Kami. K, Harris Jayaraj Lyrics powered by www.musixmatch.com
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