Lyrics

दिल मर्द ज़ात है, बदमाश बात है सोचो क्या सोचूँ मैं सर्दी की रात है, एक आग साथ है सोचो क्या सोचूँ मैं तुम लफ़्ज़ों की चिंगारियाँ होंठों से ना छोड़ो यूँ बेशर्मी की राह पे बातों को ना मोड़ो, हाय ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी अब तो लगी चुभने ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी लगी-लगी चुभने ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी अब तो लगी चुभने ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी लगी-लगी चुभने, हाय तुझे बहती हवा जो सहलाए रे, हाय रे दिल जल के धुआँ हो जाए रे मैं तो खुद से ख़फ़ा हूँ; मेरी जवानी तेरे ज़रा भी क्यूँ ना काम आए रे? हाय रे तरसाए रे, हाय रे यूँ ग़लत पते पे चिट्ठियाँ भेजो ना नैनों की तुझे महँगा पड़ेगा जो ये हरक़त ना तूने रोकी हो, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी क्यूँ हैं लगी चुभने? हो, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी यूँ ही लगी चुभने ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी क्यूँ हैं लगी चुभने? ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी सूइयाँ-सूइयाँ सी यूँ ही लगी चुभने बदमाश साथ है, आगे हवालात है सोचो क्या सोचूँ मैं सर्दी की रात है, एक आग साथ है सोचो क्या सोचूँ मैं
Writer(s): Amit Trivedi, Irshad Kamil Lyrics powered by www.musixmatch.com
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