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कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम वृंदावन की कुंज गलिन में भर-भर मारे मोहे पिचकारी कैसी मचाई धूम नि-सा-सा-सा, नि-रे नि-सा-सा-सा, नि-रे नि-रे-रे, ग-ग-रे नि-सा-सा-सा, नि-रे नि-सा-सा-सा, नि-रे नि-रे-रे, ग-ग-रे झूँडाँणा दुख भंजणा सदा सुरंगै बेस है सबसे पहले रंग गलीजे, मैं खेलूँ होली फाग भर पिचकारी मोरे मुख पर मारी भर पिचकारी मोरे मुख पर मारी मैं खेलूँ होली पिया के संग हो, चटोरी पकड़ म्हारो, पणछो पकड़ियो हे, मोरी नाजुक बैयाँ मरोड़ पकड़े बैयाँ मोहे, मारे नजरिया तोरे पड़ूँ मैं पैयाँ, अब छोड़ो छेड़ो ना ऐसे तुम, बंसरी के बजैया मोहे आवे है लाज, अब जाओ देखे हैं सखियाँ सारी, कर रही हैं ठिठोली बरसाने में चर्चा सारी, विनती करूँ मैं तोसे ऐसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम कैसी मचाई धूम बिरज में कैसी मचाई धूम
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