Lyrics

आँखों में उगे उजाले, ये किसका नूर है? (ये किसका नूर है?) कल में और आज में कोई फ़र्क़ ज़रूर है ये क्या है समाँ? ये क्या है पल? सब कुछ ही जैसे रहा बदल इस हाल की वजह जान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ Mmm, रातें पहले भी थीं, पर ऐसे ख़्वाब ना थे दिल के दरिया में अब तक ऐसे सैलाब ना थे मुस्कानें पहले थीं, मगर इतनी आज़ाद ना थी अरमानों की ये बस्ती इतनी आबाद ना थी तुम बन जाओ जो आईना तुम बन जाओ जो आईना मैं ख़ुद को ज़रा पहचान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ रोज़ होती थी सुबह, ये रोशनी और है बेवजह हँस पड़ने का ये अजब ही दौर है हाँ, मेरी नहीं सुनता दिल, उसका मुझ पे ज़ोर है डूबती जाऊँ मैं, वो नहीं ढूँढता छोर है तुम थाम लो 'गर हाथ मेरा तुम थाम लो 'गर हाथ मेरा तो मैं डूबने की ठान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ तुम जो भी कहो, मैं मान लूँ
Writer(s): Bhargav Purohit, Rushi Vakil Lyrics powered by www.musixmatch.com
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