Lyrics

मेरे दिल के लिफाफे में तेरा ख़त है जानिया ओ तेरा ख़त है जानिया नाचीज़ ने कैसे पा ली क़िस्मत ये जानिया वे हो मेरे दिल के लिफाफे में तेरा ख़त है जानिया तेरा ख़त है जानिया नाचीज़ ने कैसे पा ली ज़न्नत ये जानिया वे तू नज़्म-नज़्म सा मेरे होंठो पे ठहर जा तू नज़्म-नज़्म सा मेरे होंठो पे ठहर जा मैं ख्वाब-ख्वाब सा तेरी आँखों में जागूं रे तू इश्क़-इश्क़ सा मेरे रूह में आ के बस जा जिस ओर तेरी शहनाई उस ओर मैं भागू रे हीर नी मेरिए हीर नी मेरिए तुझको ही मैं चाहूं कोशिशां मैं करी ए कोशिशां मैं करी ए तुझको भूल ना पाऊं हाथ थाम ले पिया करते हैं वादा अब से तू आरजू तू ही है इरादा मेरा नाम ले पिया मैं तेरी रुबाई तेरे ही तो पीछे-पीछे बरसात आई बरसात आई तू इत्र-इत्र सा मेरे साँसों में बिखर जा मैं फ़कीर तेरे कुर्बत का तुझसे तू मांगूं रे तू इश्क़-इश्क़ सा मेरे रूह में आ के बस जा जिस ओर तेरी शहनाई उस ओर मैं भागू रे
Writer(s): Arkapravo Mukherjee Lyrics powered by www.musixmatch.com
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