Lyrics

प्यार-मोहब्बत के क़िस्से... प्यार-मोहब्बत के क़िस्से बेकार हुए जब देखा तो दिल के टुकड़े हज़ार हुए Hmm, पहले तो कभी-कभी ग़म था अब तो हर पल ही तेरी याद सताती है अब तो हर पल ही तेरी याद सताती है पहले तो कभी-कभी ग़म था अब तो हर पल ही तेरी याद रुलाती है अब तो हर पल ही तेरी याद रुलाती है पहले तो कभी-कभी ग़म था मगर, ये दर्द-ए-जुदाई है हर घड़ी अब मगर, ये दर्द-ए-जुदाई है हर घड़ी अब पहले तो कभी-कभी ग़म था मगर, ये दाग़-ए-जुदाई है हर घड़ी अब मगर, ये दाग़-ए-जुदाई है हर घड़ी अब मैं तुझसे कैसे कहूँ, ये बता? के तेरी याद के सहारे जी रहा हूँ के तेरी याद के सहारे जी रहा हूँ मैं तुझसे कैसे कहूँ, ये बता? के ग़म के आँसुओं को ख़ुद ही पी रहा हूँ के ग़म के आँसुओं को ख़ुद ही पी रहा हूँ मैं तुझसे कैसे कहूँ, ये बता? ना मार डाले तेरी बे-वफ़ाई मुझको ना मार डाले तेरी बे-वफ़ाई मुझको ओ, मैं तुझसे कैसे कहूँ, ये बता? ना मार डाले कहीं ये जुदाई मुझको ना मार डाले कहीं ये जुदाई मुझको ओ, बता दे मुझको बे-वफ़ा ये मैं तेरी राह में कब तक खड़ा रहूँगा? मैं तेरी राह में कब तक खड़ा रहूँगा? बता दे मुझको बे-वफ़ा ये मैं तेरे दर पे यूँ कब तक पड़ा रहूँगा? मैं तेरे दर पे यूँ कब तक पड़ा रहूँगा? Hmm, बता दे मुझको बे-वफ़ा ये तू मुझको कब तलक ऐसे ही रुलाएगा? तू मुझको कब तलक ऐसे ही रुलाएगा? बता दे मुझको बे-वफ़ा ये तू मुझको कब तलक अपना ना बनाएगा? तू मुझको कब तलक अपना ना बनाएगा? Hmm, ऐ पगली, तू क्यूँ रो रही है? के ग़म तो मुझको उठाना है जुदाई का के ग़म तो मुझको उठाना है जुदाई का ऐ पगली, तू क्यूँ रो रही है? तेरे लिए तो समाँ है ये शहनाई का तेरे लिए तो समाँ है ये शहनाई का ऐ पगली, तू क्यूँ रो रही है? के गाँव छोड़ना है मेरे मुक़द्दर में के गाँव छोड़ना है मेरे मुक़द्दर में Hmm, ऐ पगली, तू क्यँ रो रही है? के उम्र गुज़रेगी अब मेरी ये सफ़र में के उम्र गुज़रेगी अब मेरी ये सफ़र में
Writer(s): Altaf Raja, Vaishnav Deva, Bhairav Arun, Sudesh Gaikwad Lyrics powered by www.musixmatch.com
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