Top Songs By Pankaj Udhas
Credits
PERFORMING ARTISTS
Pankaj Udhas
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Pankaj Udhas
Composer
Zafar Gorakhpuri
Songwriter
Lyrics
ये शराब-ए-नाब, ये मस्तों की मंज़ूर-ए-नज़र
क्या मुबारक शय थी, जिनसे आम होकर रह गई
जब से कम-ज़र्फ़ों के पल्ले पड़ गई ये दिलरुबा
कूचा-ओ-बाज़ार में बदनाम होकर रह गई
जिसको देखो मय-कदे की सिम्त भागा आए हैं
जिसको देखो मय-कदे की सिम्त भागा आए हैं
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
पीने वालों को बहकते देख के शरमाए हैं
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
क्या सलीक़ा था, कभी जब जाम छलकाते थे लोग
इसमें भी एक शान थी, जब पी के लहराते थे लोग
इक्का-दुक्का छुप-छुपा कर इस तरफ़ आते थे लोग
अब तो इस माशूक़ पे हर शख़्स की नियत ख़राब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
वक़्त के मारे हुए, कुछ इश्क़ के मारे हुए
कुछ ज़माने से, कुछ अपने आपसे हारे हुए
लोग तो इस मय के आशिक़ जानकर सारे हुए
कोई दो क़तरों का तालिब, कोई माँगे बेहिसाब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
जिसको देखो मय-कदे की सिम्त भागा आए हैं
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
जो असीर-ए-ग़म हुआ, उसको तो अक्सर चाहिए
जिसको कोई ग़म नहीं, उसको भी सागर चाहिए
जिसको एक क़तरा मिला, उसको समंदर चाहिए
एक नाज़ुक सी परी झेलेगी कितनों के 'अज़ाब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
राह तकता होगा कोई, दिल का नज़राना लिए
ज़ुल्फ़ में मस्ती लिए, होंठों पे पैमाना लिए
प्यास आँखों में लिए, आँचल में मयख़ाना लिए
मय-कदे की राह छोड़ो, घर चलो, 'आली-जनाब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
जिसको देखो मय-कदे की सिम्त भागा आए हैं
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
पीने वालों को बहकते देख के शरमाए हैं
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
किसका-किसका ग़म करेगी दूर बेचारी शराब
Writer(s): Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas
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