Lyrics
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा
के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
के मैं खुद बेघर बेचारा
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा
के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
के मैं खुद बेघर बेचारा
अरमान था गुलशन पर बरसूँ
एक शोख के दामन पर बरसूँ
अरमान था गुलशन पर बरसूँ
एक शोख के दामन पर बरसूँ
अफ़सोस जली मिट्टी पे मुझे
तक़दीर ने मेरी दे मारा
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा
के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
के मैं खुद बेघर बेचारा
मदहोश हमेशा रहता हूँ
खामोश हूँ कब कुछ कहता हूँ
मदहोश हमेशा रहता हूँ
खामोश हूँ कब कुछ कहता हूँ
कोई क्या जाने मेरे सीने में
है बिजली का भी अंगारा
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा
के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
के मैं खुद बेघर बेचारा
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा
के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
के मैं खुद बेघर बेचारा
Writer(s): Rajinder Krishan, Salil Choudhury
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