Lyrics

तू बारिशों की पहली बूँद सी है मैं भीगने की पहली दौड़ हूँ तू ख़ुशनुमा से सीधे रास्तों से मैं टेढ़ा सा कोई मोड़ हूँ मैं और तुम यूँ हो जाएँ गुम जैसे चाय तुम हो मैं चीनी बनके तुम में गुम रहूँ, हाँ, रहूँ कहानियाँ जो तुम हो क़िताब बनके बाँहों में भरूँ, हाँ, भरूँ मैं कमरा अँधेरा, तू खिड़की बनके दे रौशनी, रौशनी पतंग मैं आवारा, थाम ले तू मुझको डोर सी, डोर सी मैं और तुम हो जाएँ हम जैसे तुम हो पंछी उड़ान बनके तेरी मैं रहूँ, हाँ, रहूँ हर ख़्वाहिशें तुम्हारी चिराग़ बनके पूरी मैं करूँ, हाँ, करूँ मैं और तुम यूँ हो जाएँ गुम
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