Lyrics

ख़ामोश है खेवन-हार मेरा नैय्या मेरी डूबी जाती है ख़ामोश है खेवन-हार मेरा ख़ामोश है खेवन-हार मेरा नैय्या मेरी डूबी जाती है नैय्या मेरी डूबी जाती है ज़िंदा हूँ मगर अब जीने की उम्मीद भी टूटी जाती है ख़ामोश है खेवन-हार मेरा साहिल की तमन्ना थी मुझको मझधार में बेड़ा जा पहुँचा जीने की दुआएँ क्या माँगू पानी तो गले तक आ पहुँचा दिल ढूँढ रहा है दुनिया को दुनिया है के छूटी जाती है नैय्या मेरी डूबी जाती है ख़ामोश है खेवन-हार मेरा ग़म अपना ज़बाँ तक ला न सकूँ संसार को मुँह दिखला न सकूँ घुटता है जो दम रुकते हैं क़दम बढते हैं क़दम, रुकते हैं क़दम घुटता है जो दम, रुकते हैं क़दम मंज़िल की तरफ़ भी जा न सकूँ भटका हुआ राही जान के अब तक़दीर भी रूठी जाती है नैय्या मेरी डूबी जाती है ख़ामोश है खेवन-हार मेरा चरनों में है तेरे लाज मेरी सुन आज ज़रा फ़रियाद मेरी तू दूर नहीं, मजबूर नहीं नगरी है मगर बरबाद मेरी क्या यूँ ही गरीबों की दुनिया संसार में लूटी जाती है ज़िंदा हूँ मगर अब जीने की उम्मीद भी टूटी जाती है ख़ामोश है खेवन-हार मेरा
Writer(s): Shakeel Badayuni, Ali Naushad Lyrics powered by www.musixmatch.com
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